लखनऊ, 22 जून (हि.स.)। मेज पर विभिन्न प्रकार के सजे आमों की प्लेट, सैकड़ों की संख्या में दर्शक, आम की प्रजातियां भी ऐसी की देखते ही मन में लालच आ जाए। ऐसे ही माहौल के बीच राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शनिवार को ‘उत्तर प्रदेश आम महोत्सव 2019’ का आगाज किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न आमों के प्रजातियों के स्टॉल लगाए गये थे, जिसे देखने के लिए दर्शक काफी संख्या में पहुंचे थे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि मलिहाबादी आम की ख्याति देश ही नहीं, विदेशों में भी खूब है। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के आमों की प्रजातियां यूपी में मौजूद हैं। यहां के आमों में मिठास ज्यादा होती है। इससे पूरे देश में यहां के आम की मांग है। उन्होंने कहा कि शासन स्तर से आम के पौधों को लगाने पर ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। किसानों को भी इसे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे किसानों की आय के साथ पर्यावरण संतुलन बनाने में भी काफी सहायक हो।
दस गुना बढ़ सकती है किसानों की आय
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेन्द्र तिवारी ने कहा कि आम फलों का राजा माना जाता है। हमारी पुरानी परंपरा में भी आम को सबसे अधिक महत्व दिया जाता रहा है। गांव में आज भी मान्यताओं के मुताबिक आम के बाग का मालिक फसल पकने पर पहले आम के पेड़ की शादी की रस्म कराता है। इसके बाद ही वह अपने बाग का आम खाता है। आम की बागवानी ठीक ढंग से की जाए तो इससे किसानों की आय दोगुना नहीं, दस गुना बढ़ जायेगी। वर्तमान में सरकार भी आम की बागवानी और किसानों को जागरूक करने के लिए तमाम कदम उठा रही है। किसानों को आम की बागवानी के प्रति काफी जागरूक होना होगा।
वैज्ञानिकों की सलाह जरूरी
उन्होंने कहा कि सरकार लगातार किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इसमें आम की बागवानी के लिए प्रोत्साहन भी एक है। आम का फल सभी फलों में सर्वश्रेष्ठ के साथ ही किसानों की आय बढ़ाने में बहुत बड़ा सहायक हो सकता है। आम की बागवानी में वैज्ञानिकों की समय-समय पर सलाह लेनी चाहिए, जिससे अधिकतम फसल का उत्पादन हो सके। इस अवसर पर आम की बागवानी वाले उन्नतशील किसानों को प्रमाण पत्र व शाल भी भेंट किया गया।