कोलकाता, 16 सितम्बर (हि.स.)। सारदा चिटफंड घोटाला मामले में साक्ष्यों को मिटाने के आरोपित कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार की गिरफ्तारी को लेकर चल रही अटकलों के बीच सीबीआई दफ्तर में हलचल तेज हो गई है। रविवार देर रात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल(सीआरपीएफ) की एक कंपनी सॉल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई के पूर्वी क्षेत्रीय मुख्यालय में पहुंची। इन कंपनियों की मूवमेंट न केवल मुख्यालय बल्कि सीबीआई टीम के साथ भी होगी। जांच एजेंसी के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की कि राज्य में कार्रवाई के दौरान अगर किसी तरह का पुलिस हस्तक्षेप होता है तो सीआरपीएफ का इस्तेमाल किया जा सकता है।
दरअसल राजीव कुमार पिछले तीन दिनों से लापता हैं। उन्होंने सीबीआई को एक ई-मेल जरूर किया है लेकिन उनका लोकेशन अब भी सीबीआई को नहीं मिला है। अपने ई-मेल में कुमार ने इस बात का उल्लेख किया है कि वह एक महीने के लिए छुट्टी पर हैं लेकिन जांच टीम ने रविवार शाम राज्य सचिवालय में चिट्ठी देकर यह जानना चाहा है कि आखिर उन्हें हर उस मौके पर छुट्टी क्यों दी जाती है जब कोर्ट उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाता है। कुमार फिलहाल सीआईडी में एडीजी के पद पर तैनात हैं। सीबीआई पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि उन्हें बचाने के लिए पूरी ममता सरकार कमर कस कर तैयार है और जांच एजेंसी का सहयोग नहीं कर रही है। सूत्रों के मुताबिक सोमवार को दिनभर जांच एजेंसी की ओर से कुमार की तलाश में मैराथन छापेमारी की जाएगी। ऐसे में अगर राज्य पुलिस बाधा बनती है तो सीआरपीएफ टीम का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा सीआरपीएफ की एक टुकड़ी को निजाम पैलेस स्थित सीबीआई के पूर्वी क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक पंकज श्रीवास्तव के घर पर भी तैनात किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि इसी साल तीन फरवरी को जब सीबीआई की टीम ने पार्क स्ट्रीट में राजीव कुमार के घर जाकर उनसे पूछताछ करने की कोशिश की थी तब सीबीआई अधिकारियों को पुलिस ने जबरदस्ती हिरासत में ले लिया था और पंकज श्रीवास्तव के घर को भी पुलिस टीम ने घेर लिया था। यहां तक कि सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई के पूर्वी क्षेत्रीय मुख्यालय को भी पुलिस ने घेरा था। इस बार भी राजीव कुमार की गिरफ्तारी के दौरान इस तरह की कोई स्थिति ना बने, अगर बने तो उससे मुकाबला किया जा सके, इसको ध्यान में रखते हुए सीआरपीएफ की तैनाती हुई है। राजीव कुमार पर आरोप है कि 2013 में राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी के मुखिया के तौर पर उन्होंने 4000 करोड़ रुपये के सारदा पोंजी घोटाला मामले में जो भी साक्ष्य बरामद किए थे उनको नष्ट कर दिया ताकि चिटफंड में संलिप्त तृणमूल के नेताओं पर आंच ना आए। इसी मामले में सीबीआई की टीम उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है।