मेयर व भाजपा पार्षदों को लगा तगड़ा झटका
गाजियाबाद, 21 अगस्त (हि.स.)। नगर निगम में ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों की जरूरत नहीं है। कुछ पार्षदों के नकारात्मक व दुर्भावनापूर्ण व्यवहार से आहत होकर अपर नगर आयुक्त शिव पूजन ने अपनी स्वेच्छा से तबादला लखनऊ निदेशालय में करा लिया है।
यह तबादला भाजपा के कुछ पार्षदों व मेयर के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है।गाजियाबाद नगर निगम के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी अधिकारी ने खुद उत्तर प्रदेश शासन को लिखकर अपना तबादला यहां से कराने की इच्छा जताई थी।
गौरतलब है कि गाजियाबाद उत्तर प्रदेश का अधिकारियों के लिए कामधेनु जिला माना जाता है। यहां तैनाती पाने के लिए अधिकारी साम-दाम-दंड भेद कर राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल करते हैं। दरअसल कुछ दिन पहले भाजपा के कुछ पार्षदों ने श्री यादव को अपने प्रभाव में लेने के लिए उन पर मालियों की नियुक्तियों व हाजरी में वित्तीय अनिमितताओं सहित 78 लाख के घोटाले का आरोप लगाया था। बाद में जिसकी जांच गाजियाबाद नगर निगम के मुख्य लेखा परीक्षक सहित तीन सदस्य कमेटी से कराई थी, जिसमें आरोप मनघड़ंत व दुर्भावना पूर्वक पाए गए थे। यही नहीं जांच कमेटी से क्लीन चिट मिलने के बावजूद दो दिन पूर्व निगम कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा के कुछ पार्षदों ने इसे हवा देने की कोशिश की थी।
इस संबंध में जब अपर नगर आयुक्त शिव पूजन यादव से बातचीत की गयी तो उन्होंने माना की वे अपने तबादला कराने को लेकर उत्तर प्रदेश निदेशालय को लिखा था, जिसके चलते शासन ने उनका तबादला इच्छा के अनुरूप लखनऊ निदेशालय में कर दिया है। यह भी चर्चा है कि यहां पर कुछ पार्षद अपने परिचितों व परिजनों के नाम से निगम में ठेकेदारी करते हैं और अधिकारियों को दबाव में लेने के लिए उनके खिलाफ अनगर्ल शिकायतें करते रहते हैं।