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लखनऊ, 20 जून(हि.स.)। उत्तर प्रदेश सरकार के सड़क सुरक्षा सप्ताह (17 जून से 22 जून तक) के अंतर्गत लखनऊ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के आदेश पर सड़क पर चलने वाले हर दो पहिया वाहन पर पुलिस की नजर है। जो व्यक्ति बिना हेलमेट के मिल रहा है, उसका पांच सौ रुपये का चालान भी काटा जा रहा है। इसके विपरित लखनऊ में चालान बचाने के लिए लोग अपने जिंदगी से खेल करते हुए बिना आईएसआई मार्का हेलमेट खरीद रहें है, जबकि आईएसआई मार्का हेलमेट को नजरअंदाज कर रहे है।
वस्तु की गुणवक्ता का निशान आईएसआई की एक बार फिर से आवश्कता आ पड़ी है। लखनऊ में
चल रहे सड़क सुरक्षा सप्ताह में हेलमेट ना पहनने पर चालान कट रहा है। जिससे बचने के लिए दो पहिया सवार सस्ते हेलमेट की खरीदारी करने में व्यस्त हैं। ये सस्ते हेलमेट सड़क पर रखकर बेचे जाते हैं, सड़क पर बिकने वाले हेलमेटो पर कोई आईएसआई का निशान नहीं होता है। आईएसआई मार्का की जरुरत को लोग समझ नहीं पा रहें है।
लखनऊ में इमामबाड़ा मार्ग, महानगर, मुंशी पुलिया, आशियाना, चारबाग इलाकों में लोकल हेलमेट (बिना आईएसआई मार्का के हेलमेट) की बिक्री जोर शोर पर हो रही है। इसको रोकने के लिए पुलिस विभाग की ओर से कोई एहतियात नहीं बरती गई है। इन हेलमेट की कीमत 100 रुपये से लेकर 300 रुपये तक है। हेलमेट बेचने वाले विभिन्न डिजाइनों के हेलमेट भी दिखाते है, जो लोगों को पसंद आते है।
वहीं शहर में आईएसआई मार्का हेलमेट बेचने के लिए छोटी बड़ी एजेंसी और दुकानें भी सजी हुई है। वहां पर 300 रुपये से लेकर 900 रुपये तक मूल्य में हेलमेट बिक रहे है। इसी तरह से हेलमेट बेचने वाले दुकानदार सुरेश बताते हैं कि उनकी दुकान लालबाग मार्ग पर है। उनके यहां हेलमेट खरीदने वाले लोकल हेलमेट ही मांगते है।
उन्होंने बताया कि हमारे यहां ब्रांडेड कम्पनियों के हेलमेट उपलब्ध है लेकिन उनकी बिक्री कम है। 800 रुपये का स्टड्स का हेलमेट नहीं बिक पा रहा है, जबकि सड़क पर बिकने वाला 150 रुपये का हेलमेट धड़ल्ले से बिक रहा है। लोग लोकल हेलमेट पहनकर केवल चालान को बचाना चाहते है। उनका मकसद जिंदगी को बचाना नहीं है।
चारबाग इलाके में लोकल हेलमेट बेचने वाले अनूप का कहना है कि कानपुर जिले से वह होलसेल में हेलमेट खरीद कर लाते है। फिर यहां सड़क किनारे फुटकर में बेचते है। जीवीका चलाने के लिए वे इस धंधे से जुड़े है। उनके पास दो सौ, तीन सौ और चार सौ रुपये के अलग अलग हेलमेट मौजूद हैं।