नई दिल्ली, 06 अगस्त (हि.स.)। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का वह आखिरी ट्वीट, जिसे उन्होंने आखिरी सांस लेने से कुछ घंटे पहले ही किया था, देशवासियों को रुला गया। वास्तव में यह पूरी तरह से भावनात्मक ट्वीट था, जिसे पढ़कर ऐसा लगता है कि जैसे उन्हें अपनी मौत का पूर्वानुमान हो गया था।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक मंगलवार (छह अगस्त) की शाम को लोकसभा से भी बहुमत से पारित हो गया। इसे राज्यसभा ने पांच अगस्त को ही पारित कर दिया था। मंगलवार को इसके पारित होने के बाद सुषमा स्वराज ने अत्यंत भावनात्मक ट्वीट किया, “प्रधान मंत्री जी – आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी।”
इसके कुछ घंटे बाद ही रात को 9.35 बजे सुषमा स्वराज को दिल का दौरा पड़ा और उनके पति स्वराज कौशल और पुत्री बांसुरी उन्हें एम्स लेकर गए और करीब 70 मिनट तक डाक्टरों ने उन्हे बचाने का भरसक प्रयास किया लेकिन वे उन्हें बचा नहीं सके। शायद सुषमा स्वराज को अपनी मौत का पूर्वाभास हो गया था। इसीलिए उन्होंने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक लोकसभा से पारित होने पर मंगलवार को उपरोक्त अत्यंत भावनात्मक ट्वीट किया था।
सुषमा स्वराज के अचानक निधन की खबर सुनकर लोग स्तब्ध रह गए। हालांकि वह लम्बे समय से अस्वस्थ चल रही थीं और इसी कारण से उन्होंने 17वीं लोकसभा का चुनाव भी नहीं लड़ा था। 2016 में उन्हें गुर्दा भी प्रत्यारोपित किया गया था।
सुषमा जी के अचानक निधन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अत्यंत दुखी हो गए और उन्होंने भी सुषमा स्वराज के निधन पर मंगलवार को गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय राजनीति के एक गौरवशाली अध्याय का अंत हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “भारतीय राजनीति में एक गौरवशाली अध्याय का अंत हो गया। भारत एक असाधारण नेता के निधन से शोकसंतप्त है, जिन्होंने जनसेवा और निर्धनों के जीवन में सुधार के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। सुषमा जी अपने आप में अलग थीं और करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत थीं। ”