केंद्रीय गृह मंत्री ने मांगा आपदा की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट

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सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी
तथा
आई.जी.एसडीआरएफ संजय गुंज्याल
सोमवार को सचिवालय में पत्रकारों से वार्ता
करते हुए

देहरादून, 19 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में नार्थ ब्लाॅक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट कर उन्हें उत्तराखण्ड में अतिवृष्टि से हुई जन-धन हानि की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि दैवीय आपदा से इस वर्ष राज्य के विभिन्न स्थानों पर 32 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है। राज्य में प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार लगभग 175 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने आपदाग्रस्त स्थानों पर संचालित बचाव व राहत कार्यों के बारे में भी जानकारी दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश में आपदा की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा। उन्होंने मुख्यमंत्री को केंद्र से हर आवश्यक सहयोग दिए जाने के प्रति आश्वस्त किया।

बीते रविवार को सुबह लगभग चार बजे तहसील मोरी के अन्तर्गत ग्राम माकुड़ी, आराकोट, मोल्ड़ा, सनेल गांव, टिकोची एवं दुचाणु जोटाई गोकुल, में अतिवृष्टि/बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। इस संबंध में सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी ने सोमवार को सचिवालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि 12 व्यक्तियों की मृत्यु,पांच लोगों के लापता व चार घायलों को एयरलिफ्ट कर दून अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सचिव आपदा प्रबंधन नेगी ने बताया कि युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है। इस अवसर पर आई.जी.एसडीआरएफ संजय गुंज्याल भी उपस्थित थे। 

विकासखण्ड मोरी तथा आराकोट में अलग-अलग स्थानों पर 12 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। उपरोक्त क्षतिग्रस्त योजनाओं को सुचारू किये जाने का कार्य किया जा रहा है। आराकोट के माकुड़ी क्षेत्र उत्तरकाशी में नदी में पानी की मात्रा कम हो गयी है तथा हैली काप्टर उतारने के लिए जीआईसी आराकोट के मैदान में हैलीपैड बनाया जा रहा है। माकुड़ी क्षेत्र के लिए ग्राम-डगोली में अस्थायी हैलीपैड़ बनाया जा रहा है।

मोरी ब्लाॅक के अंतर्गत आराकोट के आस-पास के क्षेत्र के लगभग 38 गांवों की विद्युत आपूर्ति विद्युत लाईनों के क्षतिग्रस्त होने के कारण बाधित है। वस्तु स्थिति का निरीक्षण/उक्त क्षतिग्रस्त विद्युत लाईनों को सुचारू करने के लिए स्थानीय कर्मचारी घटना स्थल के लिए रवाना हो गये है एवं वैकल्पिक विद्युत आपूर्ति सुचारू किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

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