रप्रयागराज, 18 सितम्बर (हि.स.)। गंगा-यमुना में उफान से शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों की हालत दयनीय हो चुकी है। दोनों नदियां खतरे का निशान पार कर चुकी हैं। बाढ़ की चपेट में आने से कछारी क्षेत्र के एक लाख से अधिक किसानों की फसल नष्ट हो गई। बांध स्थित एसटीपी में लीकेज के सूचना पर जिलाधिकारी जायजा लेने पहुंचे।
जिला प्रशासन ने बचाव और राहत के लिए 19 बाढ़ चौकियां बनाई हैं। बक्शी बांध पर एसटीपी का रास्ता पूरी तरह से बन्द कर दिया गया है। स्लूज गेट में लीकेज की सूचना पर जिलाधिकारी भानुचन्द्र गोस्वामी बुधवार की सुबह जायजा लेने पहुंचे। यहां अधिकारियों ने बालू से भरी बोरियों को लेकर पानी का लीकेज रोकने का कार्य शुरू कर दिया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए जिलाधिकारी वहां से झूंसी क्षेत्र के बदरा सोनौटी गांव की ओर गए हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के फाफामउ, गद्दोपुर, मोरहू, सुमेरी का पुरवा, थरवई, मनसैता, जैतवारडीह, जगदीशपुर उर्फ पूरे चन्दा, गोड़वा, पैगम्बरपुर, बदरा सोनौटी, के कछारी क्षेत्र में स्थित किसानों की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई। शहर के कई मुहल्लों में बढ़ का पानी घुस गया है। दारागंज, बघाड़ा, सलोरी, गोविन्दपुर, शिवकुटी, तेलियरगंज, शंकरघाट, रसूलाबाद, मेहदौरी, नयापूरा, म्योराबाद, बेली गांव, राजापुर,गंगानगर, सदर बाजार, करेली के कई कस्बे पूरी तरह जलमग्न हो चुके है। लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं।
सक्रिय हैं एनडीआरएफ की टीमें
बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए एनडीआरएम तथा समाजसेवी संस्थाओं की टीमें सक्रिय है। इसके साथ बढ़ प्रभावित लोगों को भोजन सामग्री पहुंचाने का कार्य भी जोरों पर है।
बाढ़ पीड़ितों के सहयोग को आगे आया आरएसएस
बाढ़ पीड़ितों के सहयोग के लिए प्रयागराज महानगर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने दो स्थानों पर सेवा कार्य शुरू किया है। प्रयाग उत्तर में अल्लापुर एवं छोटा बघाड़ा, शिवकुटी तथा झूंसी संघ कार्यालय से लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।