उप्र. में इस बार 27 प्रतिशत अधिक पुरुषों ने कराई नसबंदी ,पिछले वर्ष पखवाड़ा की तुलना में परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बढ़ी

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लखनऊ, 30 जुलाई (हि.स.)। परिवार कल्याण विभाग की महानिदेशक डॉक्टर नीना गुप्ता का कहना है कि जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के दौरान गत वर्ष की तुलना में इस बार 27 प्रतिशत अधिक पुरुषों ने नसबंदी करवाई है। उनका यह भी दावा है कि परिवार नियोजन के लिए आजकल अधिकांश दम्पत्तियों को अस्थाई साधन पसंद आ रहे हैं।

डॉ. नीना गुप्ता मंगलवार को सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित मीडिया कार्यशाला को संबोधित कर रहीं थीं।  ‘परिवार नियोजन से निभायें जिम्मेदारी, मां और बच्चे के स्वास्थ्य की पूरी तैयार’ विषय पर जानकारी देते हुये उन्होंने बताया कि जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के दौरान गत वर्ष 940 पुरुषों के मुकाबले इस बार 27 प्रतिशत वृद्धि के साथ 1190 पुरुषों ने नसबंदी अपनाई। कार्यशाला में उन्होंने बताया कि जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के दौरान 2.11 लाख दम्पत्तियों ने परिवार नियोजन के आधुनिक साधन अपनाए। इसमें 13,672 दम्पत्तियों ने स्थायी साधन और लगभग 2 लाख ने परिवार नियोजन के अस्थाई साधन अपनाए। 

पुरुषों की भागीदारी बढ़ने के बाद भी महिलाएं आगे

डॉ. नीना ने बताया पखवाड़ा के दौरान प्रदेश की 12,482 महिलाओं और 1190 पुरुषों ने नसबंदी करवाई। 65,887 ने आईयूसीडी और 21,746 ने पीपीआईयूसीडी अपनाई। पूरे प्रदेश में 34.54 लाख कंडोम और 4.38 लाख माला-एन वितरित किए गए। पखवाड़ा के दौरान 46,042 महिलाओं ने अंतरा डोज लिया। 24 जुलाई तक 4.38 लाख माला-एन, 93,639 छाया और एक लाख से अधिक ईसीपी पिल्स वितरित की गई। 

जागरुकता बढ़ाने में मीडिया की अहम भूमिका

परिवार कल्याण के संयुक्त निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि यह बेहद अच्छा संकेत है कि मीडिया के जरिये परिवार नियोजन पर लोगों के बीच काफी जागरुकता बढ़ी है। इस तरह की कार्यशाला से परिवार नियोजन की योजनाओं को और बल मिलेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के उप महाप्रबंधक, परिवार नियोजन डॉ. पंकज सक्सेना ने कहा कि सीफार के सहयोग से परिवार नियोजन समेत सभी स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी प्रदेश के सभी जिलों में लगातार मीडिया से साझा की जा रही है।   

कार्यशाला के दौरान महाप्रबंधक, परिवार नियोजन, यूपीएनएचएम डॉक्टर अल्पना शर्मा ने परिवार नियोजन कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की गतिविधियों और उपलब्धियों पर एक प्रस्तुति दी। इस अवसर पर परिवार नियोजन पर कार्य करने वाली 10 से अधिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

महिलाओं को पसन्द रहे आधुनिक साधन

परिवार नियोजन के लिए मौजूद आधुनिक साधनों में ज़्यादातर लोगों को अस्थाई साधन पसंद आ रहे हैं। इन अस्थाई साधनों में इंट्रायूटेराइन कनट्रासेपटिव्स डिवाइस (आईयूसीडी), पोस्टपार्टम इंट्रायूटेराइन कनट्रासेपटिव्स डिवाइस (पीपीआईयूसीडी), अंतरा, कंडोम, ओरल कनट्रासेपटिव्स पिल्स (ओसीपी) और छाया आते हैं। अंतरा को वर्ष 2017-18 में जहां 23,217 महिलाओं ने स्वीकारा वहीं वर्ष 2018-19 में 602 प्रतिशत वृद्धि के साथ 1.62 लाख महिलाओं ने इसे तरजीह दी। अंतरा से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर पर 18001033044 संपर्क कर सकते हैं। अस्थाई साधन छाया को जहां वर्ष 2017-18 में 2.12 लाख से अधिक महिलाओं ने अपनाया वहीं वर्ष 2018-19 में 24 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2.63 लाख महिलाओं के लिए यह पसंदीदा साधन बना।

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