–फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और फिल्म की शूटिंग पर भी रोक लगाई गई
लखनऊ, 30 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को मुगल विरासतों का शहर कहा जाता है। यहां मुगलों की कई विरासतों में से एक है इमामबाड़ा। इस इमामबाड़े में महिलाएं अब छोटे कपड़े पहनकर प्रवेश नही कर पाएंगीं क्योंकि लखनऊ के डीएम ने मुस्लिम धर्मगुरुओं के ज्ञापन पर संज्ञान लेते हुए यह फैसला सुनाया है।
इससे पहले 2014 में सिर ढककर ही महिलाओं को बड़े व छोटे इमामबाड़े में प्रवेश करने का नियम लागू किया गया था। इसके अलावा किसी भी प्रकार के कपड़े पहनकर प्रवेश किया जा सकता था पर अब ऐसा नहीं होगा। इमामबाड़ा परिसर में पर्यटक शॉर्टस पहनकर नहीं जा सकेंगे। दरअसल मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इमामबाड़े में फोटोग्राफी और फिल्म की शूटिंग और शॉर्टस पहनने पर ऐतराज जताया था। धर्मगुरूओं ने पीएम को लिखे एक ज्ञापन में कहा था कि बड़ा इमामबाड़ा परिसर में अशोभनीय कपड़ों और अश्लील हरकतों से उनके शिया समुदाय पर असर पड़ता है। शिया धर्मगुरूओं ने इस मामले पर सीएम योगी आदित्यनाथ, संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल, पुरात्तव सर्वेक्षण विभाग और जिला प्रसाशन को इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की थी।
इस ज्ञापन में बड़ा इमामबाड़ा के स्थित असाफी मस्जिद के इमाम-ए-जुमा मौलाना कल्बे जव्वाद, शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास समेत कई बड़े धर्मगुरूओं के दस्तखत थे। प्रसाशन ने ज्ञापन पर संज्ञान लेते हुए इमामबाड़े में महिलाओं के शॉर्ट्स पहनने पर रोक लगा दी है। साथ ही प्रशासन ने फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और फिल्म की शूटिंग पर भी रोक लगा दी है। हालांकि इससे पहले बड़ा इमामबाड़े में भूलभुलैया फिल्म की शूटिंग हो चुकी है। लखनऊ के डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि अब इमामबाड़े में लगे गॉर्डस को बात की निगरानी करनी जरूरी है कि कोई भी यहां इस तरह के कपड़े पहनकर ना आए और ना ही कोई अश्लील हरकत करे। डीएम ने बताया कि पर्यटक इमामबाड़े में पूरे कपड़े पहनकर ही जा सकेंगे।शिया समुदाय ने कहा है कि इमामबाड़े में भी अमृतसर स्वर्ण मंदिर की तरह ड्रेस कोड लागू किया जाए।